हम क्या रहे यहाँ अभी आये अभी गये ।
*{ ख़िज़्र जैसी आयु , ख़िज़्र अमर हैं }
+{ मरते वक़्त }
Ho umr-e KHizr bhi to kahenge b- waqt-e-marg,
Hum kya rahe yahan abhi aaye abhi gaye |
ज़ौक
Zauk
_______पसंदीदा उर्दू शायरी का एक गुलदान________ * ज़ेबे गुल ख़ुशबू से है, ख़ुशबू न हो तो कुछ भी नहीं *