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बुधवार, अक्तूबर 05, 2005

अली सरदार जाफ़री का जन्म २९ नवम्बर १९१३ को बलरामपुर,ज़िला गोंडा ( अवध) में हुआ था । सरदार जाफ़री की शायरी में आशावाद एवं इंक़लाबियत का चित्रण नयी उमंगें जगाता है ।शायर का सौंदर्यबोध हमें और आप को ख़ुद ब ख़ुद रोमानी बनता चलता है। एक उदाहरण इस प्रकार है :

इश्क़ का नग़्मा जुनू के साज़ पर गाते हैं हम ।
अपने ग़म की आंच से पत्थर को पिघलाते है हम ॥
जाग उठते हैं तो सूली पर भी नींद आती नहीं।
वक़्त पड़ जाये तो अंगारों पे सो जाते है हम॥
द्फ़्न होकर ख़ाक में भी द्फ़्न रह सकते नहीं ।
लाला-ओ-गुल बन के वीरानों पे छा जाते हैं हम।....

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